सतर्क रहें, बुधवार को पूरे देश में हड़ताल पर रहेंगे डॉक्‍टर

सतर्क रहें, बुधवार को पूरे देश में हड़ताल पर रहेंगे डॉक्‍टर

सेहतराग टीम

सरकारी अस्‍पतालों में सुविधाओं की घोर कमी, गरीब मरीजों को इलाज न मिलने जैसी बातों को लेकर कभी हड़ताल पर नहीं जाने वाला देश का डॉक्‍टर समुदाय केंद्र सरकार द्वारा मेडिकल शिक्षा में सुधार के लिए पारित किए गए एनएमसी विधेयक के विरोध में एकजुट होकर खड़ा हो गया है। देश में डॉक्‍टरों के सबसे बड़े संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बुधवार 31 अगस्‍त को पूरे देश में डॉक्‍टरों की हड़ताल का आह्वान किया है।

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक को पारित किए जाने के विरोध में आईएमए ने बुधवार को देशभर में 24 घंटे के लिए गैर आवश्यक सेवाएं ठप करने का आह्वान किया है। हड़ताल के दौरान आपात, दुर्घटना, आईसीयू और अन्य संबंधित सेवाएं अप्रभावित रहेंगी।

केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाने वाला राष्‍ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की जगह लेगा। 

दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि यह विधेयक गरीबों, छात्रों और लोकतंत्र का विरोधी है। आईएमए देश में डॉक्टरों और छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है, जिसमें करीब तीन लाख सदस्य हैं। इसने अपनी स्थानीय शाखाओं में प्रदर्शन और भूख हड़ताल का आह्वान किया है और आईएमए के साथ एकजुटता दिखाने के लिए छात्रों से कक्षाओं के बहिष्कार का अनुरोध किया है।

इसने एक बयान में चेतावनी दी है कि अगर सरकार ‘उनकी चिंताओं के प्रति उदासीन रही’ तो वे अपना प्रदर्शन तेज कर देंगे। इस बीच ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (एफओआरडीए) से संबद्ध डॉक्टरों और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रदर्शन के मद्देनजर अपना विरोध जताने के लिए काली पट्टी बांधकर काम करने का फैसला किया है।

संबंधित विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया था। देशभर के हजारों डॉक्टर इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनु सेन ने कहा कि आईएमए इस विधेयक को खारिज करती है और उसका प्रदर्शन जारी रहेगा।

आईएमए के महासचिव आर.वी. अशोकन ने कहा, ‘इससे सिर्फ नीम-हकीमी को वैधता मिलेगी और लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी।’ मंगलवार को एफओआरडीए के प्रतिनिधियों और एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने ‘अलोकतांत्रिक और गैर संघीय’ विधेयक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर फैसला करने के लिए आपात बैठक की। उन्होंने कहा कि उनके बीच मौजूदा रूप में विधेयक का विरोध करने पर सहमति बनी।

एम्स आरडीए के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह मलही और छात्र यूनियन के अध्यक्ष मुकुल कुमार ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘हमें अब भी उम्मीद है कि विधेयक को राज्यसभा में पारित किए जाने से पहले इसमें कुछ आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।’

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।